डिम्पल भारद्वाज || पिछले तीन बार से नाकाम हो रहे दिल्ली महापौर के चुनाव के लिए पहले 16 फरवरी का दिन तय किया गया था लेकिन अब एक बार फिर दिल्ली के मेयर के चुनाव पर रोक लग गई है। दरअसल ऐसा इस लिए हुआ क्योंकि 6 फरवरी को महापौर का चुनाव नहीं हो सका था वजह थी पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने नई व्यवस्था देते हुए 10 मानोनीत पार्षदों को भी चुने हुए पार्षदों के साथ मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के चुनाव के लिए वोटिंग का अधिकार दे दिया था। ऐसे में 7 फरवरी को आम आदमी पार्टी की मेयर (महापौर) पद की उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने कोर्ट का सहारा लिया।
उन्होंने पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत पार्षद यानी एल्डरमेन को वोटिंग का अधिकार दिए जाने और मेयर, डिप्टी मेयर व स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव एक साथ कराने के निर्णय को चुनौती दी थी। । जिसके लिए सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 16 तारीख को होने वाले महापौर के चुनाव पर रोक लगाने की बात कही है।
गौरतलब है की अभी तक नई तारीख का तो पता नहीं चल पाया है लेकिन कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार 17 फरवरी को होगी और इससे पहले मेयर चुनाव पर रोक लग गई है।दरअसल माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि महापौर के चुनाव में नॉमिनेटेड पार्षद यानी एल्डरमेन को वोट देने का अधिकार नहीं है।