अंशुल त्यागी, दिनांक 2 एवं 3 मई 2025 को DME LAW SCHOOL द्वारा “सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं मानवाधिकार” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन University for Peace (कोस्टा रिका), Activate Green (केन्या), Al-Aghsan Foundation (इराक), Youth for Human Rights International (अमेरिका), तथा भारत के प्रमुख विधि संस्थानों जैसे राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (पंजाब), धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, एनएलयू असम, महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (मुंबई), तथा गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के विकलांगता अध्ययन केंद्र के सहयोग से हुआ।

Vidhisastras Advocates & Solicitors इस सम्मेलन के Title Sponsor रहे, जबकि Manupatra ने ज्ञान साझेदार के रूप में, LawBhoomi व Katcheri.in ने मीडिया साझेदार के रूप में, Conventus Law ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया साझेदार के रूप में, Indie Ray ने गिफ्टिंग पार्टनर तथा EcoEx Foundation ने सततता साझेदार के रूप में योगदान दिया।
सम्मेलन का विषय था – “न्याय, समानता एवं लचीलापन: एक बहुआयामी दृष्टिकोण”, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों के ज्वलंत मुद्दों पर अकादमिक चर्चा, कानूनी चिंतन एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मंच बना।

उद्घाटन सत्र:
सम्मेलन का उद्घाटन नेल्सन मंडेला ऑडिटोरियम में भव्य रूप से हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि थे – श्री इकबाल सिंह लालपुरा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एवं एनएचआरसी के पदेन सदस्य। विशेष अतिथियों में शामिल थे:
- मिस्टर एवगेनी एंटोनोव (रूसी दूतावास)
- मिस्टर मैक्सिम सलेउर (फ्रांसीसी दूतावास)
- मिस्टर ग्रेगोरी श्मिट (रूसी दूतावास)
- प्रो. (डॉ.) रश्मि नागपाल, एसवीकेएम एनएमआईएमएस, चंडीगढ़
इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति भंवर सिंह, प्रो. (डॉ.) रविकांत स्वामी, प्रो. (डॉ.) राजिंदर कौर रंधावा, और सम्मेलन की संकाय संयोजक सुश्री बेदप्रिया लाहिरी व सुश्री मानसी मदान ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

ऑनलाइन उद्घाटन सत्र के प्रमुख वक्ता रहे:
- प्रो. (डॉ.) के.वी.एस. शर्मा, कुलपति, एनएलयू असम
- प्रो. (डॉ.) अमर पाल सिंह, कुलपति, आरएमएलएनएलयू लखनऊ
- डॉ. विकास भाटिया, कार्यकारी निदेशक, एम्स बिबिनगर
- डॉ. पियरफ्रांसेस्को रोसी, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर, टेरामो विश्वविद्यालय, इटली
इस अवसर पर “Human Rights, Human Wrongs: Dilemmas and Diversity in Criminology” नामक पुस्तक का विमोचन भी हुआ।

विशेष पैनल चर्चा:
शाम को “Trust, Truth and Power: Epistemic Justice in Global Health Crises” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसे सुश्री अमरपाली शर्मा, सहायक प्रोफेसर, डीएमई ने संचालित किया। वक्ताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य संकटों, विशेष रूप से कोविड-19 जैसी महामारियों के दौरान ज्ञान, सत्ता संरचना और सामाजिक विश्वास की भूमिका पर विमर्श किया।
तकनीकी सत्र एवं समापन समारोह:
सम्मेलन के दूसरे दिन 14 वर्चुअल तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 200 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
समापन समारोह में प्रमुख अतिथि रहे:
- प्रो. (डॉ.) अल्का चावला, प्रोफेसर-इन-चार्ज, कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय
- एडवोकेट आशिष दीप वर्मा, संस्थापक, Vidhisastras
- माननीय न्यायमूर्ति भंवर सिंह, निदेशक जनरल, डीएमई
- प्रो. राजिंदर कौर रंधावा, प्रमुख, डीएमई लॉ स्कूल
सम्मेलन का समापन सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र और प्रस्तुति पुरस्कारों की घोषणा के साथ हुआ।