नेहा राठौर
Biography of Smriti Irani: कहते हैं कभी हार ना मानने की आदत ही एक दिन बड़ी जीत दिलाती है। ये सिर्फ एक वाक्य नहीं है बल्कि कई लोगों की जिंदगी का एक बड़ा सच है। जिसमें अभिनेत्री और आज की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल है। जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ये मुकाम हासिल किया। बहुत कम लोग ये जानते हैं कि स्मृति ईरानी जैसी बड़ी शख्सियत कभी मैकडॉनल्ड्स (McDonald’s) में वेट्रेस का काम किया करती थीं। ऐसी बहुत सी बातें हैं जो आप लोग अपनी ‘तुलसी विरानी’ (Smriti Irani) के बारे में नहीं जानते हैं। तो चलिए आज थोड़ा और करीब से जानते हैं स्मृति ईरानी के अभिनेत्री से केंद्रीय मंत्री बनने के शानदार सफर के बारे में।
23 मार्च 1976 को राजधानी दिल्ली में जन्मी स्मृति का जीवन इतना भी आसान नहीं था। तब वह स्मृति मल्होत्रा हुआ करती थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली में ही पूरी की थी। उनका मॉडलिंग का सपना था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जी जान लगा दी। उन्होंने मॉडलिंग में प्रवेश करने के लिए मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर तक का काम किया। बाद में वे Mumbai चली आयीं, जहां उन्होंने अपने जीवन को एक नया मोड दिया, यहां उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का किरदार निभाया और लोगों का दिलों पर राज किया। आज भी कई लोग है जो स्मृति ईरानी को उनके असल नाम बजाय तुलसी के नाम से पहचानते हैं।

मिस इंडिया प्रतियोगिता में लिया था हिस्सा
स्मृति एक रूढ़िवादी पंजाबी-बंगाली परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनकी तीन बहनें थीं। वो कहते हैं ना ‘परिंदों को आसमान में उड़ने की जो खुशी होती है, वो पिंजरों में कहां’ स्मृति का मिजाज भी कुछ ऐसा ही था। उन्होंने 10वीं के बाद से ही पैसा कमाना शुरू कर दिया था। वे सौंदर्य प्रसाधन के प्रचार करने लगीं थीं। फिर एक समय आया जब उन्होंने सारी बंदिशों को तोड़कर ग्लैम जगत में अपना पहला कदम रखा। उन्होंने साल 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग भी लिया, लेकिन गौरी प्रधान तेजवानी के साथ शीर्ष 9 तक का ही सफर तय कर सकीं। इसके बाद उन्होंने अपना रुख मुंबई में अभिनय की ओर कर लिया।
मुंबई की चकाचौंध में चमकी स्मृति की किस्मत
मॉडलिंग में अपनी किस्मत आजमाने के बाद स्मृति ने साल 2000 में टीवी सीरियल ‘हम है कल आज कल और कल’ से अपने करियर की एक नई शुरुआत की, लेकिन उन्हें पहचान एकता कपूर के सास बहू सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में तुलसी के किरदार से मिली। उन्होंने पांच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, चार इंडियन टेली अवार्ड और आठ स्टार परिवार पुरस्कार भी हासिल किए। स्मृति ने ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के अलावा साल 2001 में जी टीवी पर प्रसारित रामायण सीरियल में सीता और साल 2006 में प्रसारित ‘थोड़ी सी जमीन और थोड़ा सा आसमान’ में सह निदेशक की भूमिका भी अदा की है।

अभिनय छोड़ राजनीति में रखा कदम
स्मृति का राजनीतिक जीवन साल 2003 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद शुरू हुआ। उस वक्त तक वे स्मृति ज़ुबिन ईरानी बन चुकी थीं। उन्होंने भाजपा के लिए दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा। हालांकि वे कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को धूल नहीं चटा पाईं और खुद हार गईं। फिर साल 2004 में उन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग (Maharashtra Youth Wing) का उपाध्यक्ष चुना गया। स्मृति ईरानी को पार्टी ने करीब पांच बार केंद्रीय समिति के कार्यकारी सदस्य के रूप में मनोनीत किया। इसी के साथ उन्हें राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया। उसके बाद साल 2010 में उनके हाथों में भाजपा महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई। फिर वे साल 2011 में गुजरात से राज्यसभा की सांसद बनीं।
2014 में स्मृति ने भारतीय आम चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी टक्कर दी। लेकिन वे यह भी चुनाव हार गईं। इसके बाद उन्हें राज्यसभा की सदस्य होने के कारण भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री का पद सौंपा गया। जिसके बाद स्मृति ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी में हार का मुंह दिखाया।