डिंपल भारद्वाज, संवाददाता
कोरोना (Corona) के संकट से राहत मिली तो लोगों को सुकून महसूस हुआ लेकिन स्कूल खुलने की बात पता चली तो माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरों ने घर कर लिया। जी हां और 10वीं 12वी के बच्चों का डर तो कम था लेकिन प्लेवे के बच्चों की चिंता ज्यादा कि आखिर स्कूल में क्या इंतजाम होंगे, क्या बच्चा फिर से स्कूल में एंट्री करने से खुश रहेगा और क्या लगभग दो साल घर रहने के बाद फिरसे स्कूल में वही माहौल मिल पाएगा। लेकिन दिल्ली के स्कूलों ने माता-पिता की चिंता को दूर कर दिया खासकर दिल्ली के अशोक विहार फेस 1 में स्थित गोल्डन बेल स्कूल (Golden Bell) ने, ऐसा हम नहीं बल्कि खुद यहां आए बच्चे और उनके माता-पिता बता रहे हैं।
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स्कूल में घुसने से पहले टैम्परेचर चैक, सैनिटाइजेशन, टीचर्स के मुंह पर मास्क, स्कूल स्टाफ का कम्पलीट वैक्सीनेशन, ये बाते ही माता-पिता की चिंता को दूर भगाने के लिए काफी हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि सेफ्टी के इंतजाम है और बच्चों के लिए बेहतर माहौल है तो बच्चे की शुरुआत कोरोना के बाद जरुरी है।
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