अंशुल त्यागी, 5 दिन की बैंकिंग (5 Days Banking) की मांग को लेकर बैंक कर्मचारियों के 5 Days Banking संघर्ष मोर्चा ने जंतर मंतर से वित्तिय सेवाएं विभाग, संसद मार्ग तक केंडल मार्च का आयोजन किया। 5 दिवस की बैंकिंग को जल्दी लागू कराने के लिए एक ज्ञापन भी सेक्रेटरी, वित्तिय सेवाएं विभाग को सौंपा। अभी बैंकों में दूसरें और चोथे शनिवार को अवकाश रहता है। यह दो दिन का अवकाश 1.9.2015 से लागू हुआ था। बैंक कर्मचारी लम्बे समय से 5 दिन की बैंकिंग की मांग कर रहे हैं। 2015 से पहले भी बैंक कर्मचारियों की यही मांग थी, लेकिन सप्ताह के बाकि दिनों में काम का समय बढ़ाने पर सहमती न होने के कारण 5 दिन की बैंकिंग लागू नहीं हो सकी और केवल दुसरे और चोथे शनिवार को ही अवकाश घोषित हो पाया।

लेकिन बैंक कर्मचारी उसके बाद भी लगातार 5 दिन की मांग कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, रिजर्व बैंक, नाबार्ड और एल.आई.सी. में भी 5 दिन का सप्ताह है। सप्ताह में 5 दिन से जहाँ कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है वहीँ बैंकों के खर्चों में भी कमी आता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी इसका लाभ होता है। वैसे भी आज के डिजिटल बैंकिंग के युग में शनिवार के अवकाश से कोई फर्क नहीं पड़ता।
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फरवरी 2023 को United Form of Bank Unions (UFBU) और Indian Banks Association (IBA) में 5 दिन की बैंकिंग और सप्ताह के बाके दिनों में काम के समय को बढ़ाने की सहमती हो जाने के बाद भी इस लागू क्यों नहीं किया जा रहा ? बैंक कर्मचारियों की मांग है कि 5 दिन की बैंकिंग को तुरंत लागू किया जाये।
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