Demonetization In India: कभी भारत में चलता था 10 और 5 हजार का नोट, जानें देश में कब-कब हुई नोटबंदी

नेहा राठौर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने  19 मई 2023 को नोट को बंद करने की घोषणा की है। इस बार 2000 के नोटों की छपाई को रोक दिया गया है। लोगों को नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। 23 मई से इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि ये legal Tender में बना रेगा। जानकारी के लिए बता दें कि एक समय में सिर्फ 20 हजार की सीमा तक ही 2000 के नोट बदले जाएंगे। नोट बंद होने के बाद लोगों को इस बात का काफी कन्फ्यूजन है कि ये नोटबंदी है। ये कोई नोटबंदी नहीं बल्कि नोट बदली है। यानी इस बार 2 हजार के सिर्फ नोट ही बदले गए हैं।

हालांकि ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है जब देश में किसी नोट के सर्कुलेशन को यूं अचानक बंद कर दिया गया हो। इससे पहले भी कई बार भारत में ऐसा हो चुका है। क्या आप जानते हैं कि काफी समय पहले हमारे देश यानी भारत में 5000 और 10000 के नोट चला करते थे। उनका सर्कुलेशन भी अचानक रोक दिया गया था। भारत में आजादी से पहले भी नोटबंदी की गई थी। भारत में सबसे पहले साल 1946 में नोटबंदी की गई थी।

भारत में सबसे पहली नोटबंदी

ब्रिटिश इंडिया (British India) में तत्कालीन गवर्नर जनरल सर आर्चीबाल्ड (Sir Archibald) ने 12 जनवरी 1946 को डिमोनेटाइजेशन (Demonetization) का अध्यादेश पास किया था। इसके ठीक 13 बाद यानी 26 जनवरी को देश में 500, 1000 और 10000 के नोटों की छपाई को बंद कर दिया गया था। इतना ही नहीं, 100 से ऊपर के जितने भी नोट से सभी को बंद कर दिया गया था। इसका उद्देश्य सिर्फ काले धन को खत्म करना था।

1978 में नोटबंदी का बड़ा फैसला

रिपोर्ट्स अनुसार, जनता पार्टी (Janta Party) की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) ने 16 जनवरी 1978 को एक बार फिर 1000, 5000 और 10 हजार के नोट को बंद करने का फैसला लिया। आरबीआई को इसके बारे में 14 जनवरी 1978 को जानकारी मिली। RBI ने तुरंत नोटबंदी का अध्यादेश बनाया और तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी की मंजूरी के लिए भेज दिया और इसपर मुहर लग गई। ये फैसला भ्रष्टाचार को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।

जनवरी 1938 में RBI ने अपनी पहली पेपर करेंसी (Paper Currency) छापी थो, जोकि  5 रुपए का नोट था। ये वही साल है जब 10 रु, 100 रु, 1,000 रु और 10,000 रु के नोट भी अस्तित्व में आए थे। लेकिन 1946 में 1000 और 10000 के नोट को ब्रिटिश सरकार ने बंद कर दिया।। इसके बाद साल 1954 में फिर से इन नोटों की छपाई शुरू हुई। हालांकि 1978 में फिर से 5000 और 10000 के नोटों के सर्कुलेशन पर रोक लगा दी गई थी।  

8 नवंबर 2016 (नोटबंदी)

8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। इसमें 500 और 1000 के नोटों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इन नोटों के बदले 2000 के नोट और 500 के नए नोट शुरू किए गए थे।

By Quick News

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