राघव सचदेवा, श्रीलंका (Srilanka) में पिछले कुछ महीने से हालात काफी गंभीर हैं । श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका की मौजूदा कंगाली की हालत के पीछे टैक्स कटौती, पर्यटन इंडस्ट्री का ठप होना सबसे बड़ी वजह है ।श्रीलंका पर फरवरी तक 12.55 अरब डॉलर का कर्ज था जिसमें से करीब 4 बिलियन उसे इसी साल चुकाना है। श्रीलंका में महंगाई की दर 17 फीसदी को भी पार कर चुकी है।श्रीलंकाई रुपये की वैल्यू पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले 46 फीसदी से अधिक घटी है ।मार्च में श्रीलंका में 1 डॉलर की कीमत 201 श्रीलंकाई रुपये थी जो अब 318 श्रीलंकाई रुपये पर आ चुकी है।

श्रीलंका में दवा की किल्लत, खाद्य महंगाई तो आसमान पर है ही, पेट्रोल पंप पर भी दो-दो किलोमीटर लंबी लाइन लग रही हैं। जनवरी में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 70 फीसदी से ज्यादा घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया था, जिसमें लगातार गिरावट आती जा रही है।विदेशी मुद्रा की कमी के चलते ही देश में ज्यादातर जरूरी सामानों दवा, पेट्रोल-डीजल का विदेश से आयात नहीं हो पा रहा है।अब हालात यह हैं कि श्रीलंका में एक ग्लास चाय की कीमत 100 रुपये तक पहुंच गई है। श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के पीछे एक बड़ी वजह चीन का पिछले दो दशक में वहाँ किया गया निवेश है।चीन ने श्रीलंका को जमकर कर्ज दिया। साल 2021-22 में कोलंबो की चीन को देनदारी 2 बिलियन डॉलर थी।हंबनटोटा पोर्ट पहले ही चीन को 99 साल के लिए लीज पर दिया जा चुका है।

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सुपर मार्केट खाली हो गए हैं। ना बच्चों के लिए दूध है ना अंडे हैं न पीने का पानी है।मिडिल क्लास फैमिली के लिए बच पाना मुश्किल है।इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जो अभी हो रहा है।डीजल-पेट्रोल के हालात ऐसे हैं कि पेट्रोल पंप पर लोग लाइन में बैठे हैं। हरी मिर्च 700 रुपये तो दूध 600 रुपये लीटर बिक रहा है।भारत से 40,000 टन चावल भी पहुंचने जा रहा है।भारतीय कारोबारियों ने इसकी लोडिंग शुरू कर दी है।भारत ने श्रीलंका को 1 अरब डॉलर की सहायता का वादा किया है। श्रीलंकाई परिवारों ने अपना देश छोड़ना शुरू कर दिया है और वे अब भारतीय तटों पर पहुंच रहे हैं ।ऐसा करने के पीछे श्रीलंका में जरूरी सामानों की भारी किल्लत और आसमान छूती महंगाई मुख्य वजह है।

श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से लोगों की नाराजगी को देखते हुए सरकार के सभी 26 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। केवल राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा नहीं दिया है। गोटबाया ने जल्द बनने वाली सर्वदलीय सरकार में विपक्षी नेताओं को भी शामिल होने का न्योता दिया है। इससे पहले अपने घर के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गोटबाया ने देश में इमर्जन्सी लागू कर दिया था जिसे अब हटा दिया गया है।
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श्रीलंका में महंगाई इस कदर ऊपर पहुंच गई है कि वहां चावल 220 रुपए प्रति किलो और गेहूं 190 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। वहीं, एक किलोग्राम चीनी की कीमत 240 रुपए, नारियल तेल 850 रुपए प्रति लीटर, जबकि एक अंडा 30 रुपए और 1 किलो मिल्क पाउडर की रिटेल कीमत 1900 रुपए तक पहुंच गई है। पिछले हफ्ते 12.5 किलो गैस सिलेंडर की कीमत 4200 रुपए हो गई थी।