नेहा राठौर
किताबों में आपने अक्सर पढ़ा होगा कि भारत में ज्यादातर नदियां एक ही दिशा में निरंतर बहती हैं। और वो दिशा है पश्चिम (west) से पूर्व (East)। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक नदी ऐसी भी है जो इस दिशा में न बहकर उल्टी यानी पूर्व से पश्चिम की दिशा में बहती है। विपरीत दिशा में बहने वाली इस नदी का नाम है नर्मदा (Narmada)। इस नदी को रेवा नाम से भी जाना जाता है।
उल्टी दिशा में क्यों बहती है नर्मदा
देश में गंगा सहित अन्य सभी नदियां जहां पश्चिम से होकर पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वहीं नर्मदा अरब सागर से जाकर मिलती है। नर्मदा भारत में मध्य प्रदेश और गुजरात (MP and Gujrat) की मुख्य नदी है, जो मैकल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है। इस नदी के उल्टे बहने का एक भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वैली में होना है, जिसकी ढाल उल्टी दिशा में है। यही कारण है कि इस नदी बहाव उल्टी दिशा में। देश-दुनिया में जो भी कुछ होत होता है उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। उसी तरह नर्मदा नदी के उल्टा बहने के पीछे पुराणों में भी कई बातें लिखी हैं।
पौराणिक कथा
नर्मदा नदी से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, नर्मदा का विवाह सोनभद्र (Sonbhadra River) के साथ पक्का हुआ था, लेकिन नर्मदा की सहेली जोहिला की वजह से दोनों के बीच गहरी दूरियां आ गई। इससे गुस्सा होकर नर्मदा ने प्रण लिया कि वह आजीवन कुंवारी रहेगी और विपरीत दिशा में बहेगी। भौगोलिक स्थिति को भी गौर से देखें तो सामने आएगा कि नर्मदा नदी सोनभद्र नदी से अलग एक विशेष स्थल पर बहती है।