नेहा राठौर
दुनिया में अलग-अलग जगहों पर कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं, इन सभी त्योहारों को मनाने के पीछे एक रोचक कहानी और लोगों की आस्था छिपी होती है। कहते हैं त्योहार जीवन में नई खुशियां और नई उमंगें लेकर आते हैं, लेकिन क्या आपने कही सुना है कि किसी के मरने पर त्योहार मनाया जाता हो। आमतौर पर जब किसी की मौत हो जाती है तो हमारे देश यानी भारत में मातम मनाया जाता है, लेकिन दुनिया में ऐसी कई जगह हैं, जहां किसी की मौत हो जाने पर मातम नहीं बल्कि जश्न मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं कुछ अनोखे त्योहारों के बारे में।
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मौत पर जश्न मनाने वाले देशों में चीन, मलेशिया और सिंगापुर शामिल है। दरअसल, इन तीनों देशों में जुलाई या अगस्त के 15वें दिन बौद्ध और ताओवादी लोग अपने पूर्वजों को सम्मान देने के लिए ‘द हंग्री घोस्ट फेस्टिवल’ (The Hungry Ghost Festival) आयोजित करते हैं। मृतकों को खुश करने के लिए इस त्योहार में लोग नकली नोट (Fake Currency) के साथ-साथ कारों (Cars), टीवी (TV), घड़ियों (Watches), घर (House) आदि के कट-आउट पेश करते हैं जो कि जॉस पेपर से बने होते हैं। बाद में आत्माओं की जरूरतों को पूरा करने और उनकी शांति के लिए इन्हें सभी चीजों को जला दिया जाता है। इतना ही नहीं इस त्योहार पर पारिवारिक भोजन (Family Dinner) के दौरान भूतों के लिए कुछ सीटों को खाली भी छोड़ा जाता है।
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समैन त्योहार
वहीं, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड में समैन त्योहार मनाया जाता है। जिसमें आत्माओं को खुश करने के लिए समैन के अनुयायी अपने घरों के बाहर खाने-पीने की चीजें रख दिया करते हैं। इतना ही नहीं इसमें लोग अलाव जलाते हैं, डरावने कपड़े धारण करते हैं और आत्माओं के लिए जानवरों की बलि भी चढ़ाते हैं।
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कम्बोडियन त्योहार Pchum Ben Day

कम्बोडिया में भी भूतों के लिए एक त्योहार Pchum Ben Day मनाया जाता है जो कि 15 दिनों तक चलता है। माना जाता है कि सितंबर से अक्टूबर के बीच में नरक के दरवाजे खुल जाते हैं। इस त्योहार में लोग पूरे रीति रिवाजों के साथ कब्रिस्तान, मंदिरों और खेतों में आत्माओं के लिए खाना रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई इंसान भूखी आत्माओं को खाना नहीं खिला पाता है, तो उसे बाद में आत्मा के गुस्से का सामना करना पड़ता है।
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नेपाल की गाय जात्रा

Nepal में नेवारों का समुदाय गाय जात्रा यानि गायों का त्योहार मनाता है। इसमें बच्चे पहले साल गुजर चुके अपने प्रियजनों के सम्मान में गायों की वेशभूषा पहन कर सड़कों पर जुलूस निकालते हैं। यहां ऐसा माना जाता है कि आत्माओं को स्वर्ग तक जाने के लिए गाय की पूंछ की मदद चाहिए होती है।